पं राजेंद्र प्रकाश “निर्भय”

बिजनेस में अच्छी तरक्की चाहते हैं तो रखें इन बातों का ध्यान, जानिए वास्तु के अनुसार
लाखों की लागत की दुकान जब ब्याज जितना भी नहीं दे पाती तो वे परेशान होने लगते हैं। प्रत्येक शहर में 60 प्रतिशत दुकानें चौराहे या तिराहों के क्षेत्र में होती हैं और अन्य गली-कूचों या लंबी सड़कों पर होती हैं।
प्रत्येक दुकानदार प्रतिदिन अपनी दुकान की सफाई करता है, दुकान में अगरबत्ती लगाता है, उसे प्रणाम करके अपनी बैठक पर बैठता है, लेकिन यदि वास्तु के साथ अपनी दैनिक क्रियाओं में वे सफाई और बैठक की पद्धति में थोड़ा-बहुत परिवर्तन लाएं और उसका प्रतिदिन पालन करते रहें तो धीरे-धीरे अपनी आय संसाधन में निश्चित वृद्धि पाते हैं।
वर्तनाम युग में सभी व्यक्ति वास्तु को महत्व देने लगे हैं लेकिन उसका कैसे पालन किया जाना चाहिए इसका उन्हें ध्यान कम रह पाता है। दुकानों के नियमों का यदि पालन किया जाए तो उससे आपको लाभ निश्चित ही प्राप्त होंगे। आइए जानें कुछ खास बातें…
* दुकान का कचरा साफ करते समय कचरा सड़क पर न डालें, न ही इसे किसी दुकान की ओर डालें। यह बरकत में कमी लाता है। उसे अपनी दुकान के निश्चित कोने दक्षिण-पश्चिम के कोने की कचरा पेटी में डालें, पश्चात उसे अधिक होने पर नगर-निगम के कूड़े के क्षेत्र में डलवाएं।
* कचरा यदि दुकान के क्षेत्र वाले चौराहे, फव्वारे आदि क्षेत्र में डाला जाएगा तो उससे उस क्षेत्र की सभी दुकानों की आय पर असर पड़ता है और आय में कमी आती है। चौराहे के मध्य या भवन के मध्य का क्षेत्र ब्रह्म क्षेत्र माना जाता है। उसे दूषित करने से आय और स्वास्थ्य दोनों का नाश होता है।
* अपने पड़ोसी दुकानदारों को भी इसे बताएं ताकि वे भी कचरा यहां-वहां नहीं बिखेरें। इससे हमारी दुकानों का क्षेत्र प्रदूषित होता है और इससे हमारी मनःस्थिति सही नहीं रहती है। सदैव तनाव बना रहता है।
* दुकान में बैठते समय अपना मुख सदैव उत्तर अथवा पूर्व की ओर करके बैठें। इससे मोल-भाव कम करेगा एवं उधारी कम मांगेगा।
* जिस मकान या दुकान पर हम भाड़ा दे रहे हैं या हमारे नाम से है, वह क्षेत्र भी हमें लाभ देता है। अतिक्रमण कर दुकान आगे बढ़ाने से दुकान के कोने वास्तुनुसार कट या बढ़ सकते हैं। ऐसी स्थिति में आय पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसा न करें।
* अपनी दुकान के आगे अन्य छोटी-मोटी दुकान-ठेलों से अवरोध होने पर भी आय कम होती है। इन नियमों का पालन करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here