पं राजेंद्र प्रकाश निर्भय , ज्योतिष  के अनुसार ग्रहों के खेल से किसी व्यक्ति की किस्मत बनती है और बिगड़ती भी है। ज्योतिष में कुल 9 ग्रह होते हैं। कुंडली में इन सभी ग्रहों की स्थिति से व्यक्ति का भाग्य बदलता है। 9 ग्रहों में दो ग्रह राहु और केतु ऐसे ग्रह है जिसे अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं राहु की अन्य ग्रहों से युति से व्यक्ति को कैसा फल प्राप्त होता है।

जिनकी कुंडली में शनि के साथ राहु स्थित हो तो वह व्यक्ति बहुत ही शांत और रहस्यमयी स्वभाव का होता है। ऐसे लोग अपनी क्षमता से ज्यादा धन और संपदा एकत्र करते हैं।

कुंडली में शनि, शुक्र और बुध लग्न भाव के स्वामी हैं तो राहु शुभ फल दे सकता है। राहु इन ग्रहों का मित्र है।

कुंडली में अगर सूर्य, चंद्र, मंगल या चंद्रमा लग्न भाव के स्वामी हैं तो राहु से अशुभ फल मिल सकते हैं। राहु का इन चारों ग्रहों के साथ शत्रुता है।

अगर किसी की कुंडली में राहु  तृतीय, षष्ठम और एकादश भाव में है तो व्यक्ति के लिए राहु शुभ होता है।

राहु लग्न, पंचम, नवम, दशम में सामान्य फल देता है।

 

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