कुंभ राशि : उतार-चढ़ाव वाला साल रहेगा
राशि अक्षर : गु, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा
कुंभ राशि पर स्वक्षेत्री शनि की साढ़ेसाती का प्रथम ढैया मस्तक पर लौह पाद से रहेगा। 20 जनवरी 2020 से प्रारंभ हुआ यह ढैया 29 अप्रैल 2022 तक जारी रहेगा। इस दौरान व्यापार, व्यवसाय, नौकरी में बाधा, निरर्थक व्यय, परेशानी, जीवनसाथी और संतान को कष्ट, स्वयं को रोग, धनहानि, माता को कष्ट रहेगा। जन्मकुंडली में शनि बलवान होगा तो अशुभफलों में कमी रहेगी।
शत्रु में वृद्धि हो सकती है
वर्षारंभ पूर्व से 5 अप्रैल तक और आगे 14 सितंबर से 20 नवंबर तक नीच राशिस्थ गुरु के द्वादश स्थान में भ्रमण करने से व्यवसाय में हानि, शिक्षा में बाधा, शत्रु में वृद्धि, सदाचार में कमी, अकारण कलंक लगना, पुत्र-पुत्री से अलग रहना और अपव्यय के योग हैं। 5 अप्रैल से 14 सितंबर और 20 नवंबर से 13 अप्रैल 2022 तक बृहस्पति के प्रथम भाव में रहने से गुरुकृत अशुभफलों में कुछ कमी आएगी, दांपत्य सुख मिलेगा, संतान सुख, धन सुख प्राप्त होगा। लगातार मेहनत करने से नौकरी में तरक्की, बिजनेस में लाभ मिलेगा। कुछ कार्यो के पूरे होने में संदेह रहेगा।
मंगल चौथे-पांचवें घर में रहेगा
पूरे वर्ष राहु चतुर्थ व केतु दशमभाव में रहने से माता-पिता को कष्ट, सुख में कमी, अचानक कोई बड़ा संकट आ सकता है। संपत्ति को लेकर विवाद, शिक्षा में असफलता, कार्यो में हानि रहेगी। वर्षारंभपूर्व से 22 फरवरी तक स्वराशिस्थ मंगल के तृतीय स्थान में रहने से समसामयिक संकटों से मुक्ति, पुरुषार्थ में वृद्धि, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि, नौकरी-व्यवसाय में सफलता, शत्रुनाश और धनलाभ होगा। 22 फरवरी से 2 जून तक मंगल चौथे-पांचवें घर में रहेगा।
स्वास्थ्य की प्रतिकूलता रहेगी
शारीरिक कष्ट, रोग, पारिवारिक विवाद, प्रॉपर्टी को लेकर विवाद हो सकता है। 2 जून से 20 जुलाई तक मंगल छठे भाव में रहने से धनलाभ, शत्रुनाश, रोग मुक्ति होगी। 20 जुलाई से 21 अक्टूबर तक मंगल के सप्तम-अष्टम स्थान में भ्रमण करने से पति-पत्नी में मतभेद, भागीदारी से हानि, नौकरी कार्य में रूकावट, स्वास्थ्य की प्रतिकूलता रहेगी। पिता का स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
वर्ष का उपाय
वर्ष में गुरु व शनि आराध्य हैं।