तुला राशि : संभलकर चलें, काम को महत्व दें
राशि अक्षर : रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तु, ते
तुला राशि के जातकों के लिए वर्ष 2021 शनि के लघुकल्याणी ढैया के प्रभाव में गुजरेगा। कई काम शुभ होंगे तो कई मामलों में परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा। बहुत संभलकर चलने वाला साल रहेगा। स्वक्षेत्री शनि का लघुकल्याणी ढैया चतुर्थ सुख स्थान में लोहे के पाये से रहेगा। संपत्ति व वाहन सुख प्राप्त होगा, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि, धनलाभ, माता-पिता के स्वास्थ्य में गिरावट, स्थान परिवर्तन, गुप्त शत्रु सक्रिय रहेंगे, यात्रा में कष्ट, संतान को पीड़ा रहेगी। वर्षारंभ पूर्व से 5 अप्रैल तथा 14 सितंबर से 2 नवंबर तक गुरु भी नीच राशि का होकर चतुर्थ स्थान में गोचर करेगा, इससे सुखों में कमी, माता को कष्ट, धन हानि, नौकरी-व्यवसाय में परेशानी, पारिवारिक अशांति रहेगी। 5 अप्रैल से 14 सितंबर तथा 20 नवंबर से 13 अप्रैल 2022 तक गुरु पंचम स्थान में गोचर करेगा, इससे कार्यो में सफलता, धनलाभ, कार्यो में प्रगति, मांगलिक उत्सव, शिक्षा में परिश्रम से सफलता, संतान की चिंता, पिता के स्वास्थ्य में गिरावट रहेगी।
आर्थिक क्षेत्र में उतार-चढ़ाव बना रहेगा
वर्षारंभ पूर्व से 12 अप्रैल तक राहु अष्टम स्थान में गोचर करने से आर्थिक क्षेत्र में उतार-चढ़ाव बना रहेगा, शारीरिक कष्ट, यात्राओं में परेशानी, उत्साह में कमी और विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। केतु द्वितीय स्थान में रहने से नेत्र रोग, अकस्मात धनलाभ के योग बनेंगे।
भाग्य विपरीत रह सकता है
14 अप्रैल तक मंगल सप्तम व अष्टम भाव में गोचर करने से साझेदारी के कार्यो में हानि, भाइयों से मतभेद, संतान को कष्ट, दांपत्य जीवन में परेशानी आएगी। 14 अप्रैल से 2 जून तक मंगल नवम स्थान में रहने से मेहनत के अनुसार लाभ मिलेगा, स्वजनों से मनमुटाव, भाग्य विपरीत रह सकता है।
संकटों से मुक्ति मिलेगी
2 जून से 5 सितंबर तक मंगल दशम-एकादश में रहने से संकटों से मुक्ति मिलेगी, आर्थिक योजनाएं साकार होंगी, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, भूमि, भवन निर्माण कार्य शुरू कर सकेंगे। 5 सितंबर से 4 दिसंबर तक मंगल द्वादश और प्रथम स्थान में गोचर करने से जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट, रक्तविकार, व्यर्थ के कार्यो में खर्च, परिजनों से मतभेद, संतान को कष्ट रहेगा।
वर्ष का उपाय
इस पूरे वर्ष शनि की आराधना करें लाभ होगा। शनिवार के दिन शनिदेव के दर्शन करें, शनि के निमित्त वस्तुओं का दान करें। गरीबों, अपंगों, कोढ़ियों की सेवा करते रहें।