मिथुन राशि :
शनि के लघुकल्याणी ढैया के प्रभाव में रहेंगे
राशि अक्षर : का, की, कू, घ, ड., छ, के, को, हा
मिथुन राशि के जातकों के लिए साल 2021 शनि के लघु कल्याणी ढैया के प्रभाव में गुजरेगा। यह ढैया 24 जनवरी 2020 से चल रहा है जो 29 अप्रैल 2022 तक चलेगा। इस राशि के लिए शनि का लघु कल्याणी ढैया आठवें स्थान में होने और स्वराशि के शनि होने के कारण शुभाशुभ फल प्राप्त होंगे। भाग्य में उतार-चढ़ाव, कारोबार-नौकरी में परेशानी, कोर्ट-कचहरी के कार्य उलझेंगे, रोग आएंगे और पैसा कमाने के लिए कड़ा परिश्रम करना पड़ेगा।
व्यर्थ के कार्यो पर धन खर्च होगा वर्ष प्रारंभ होने के पूर्व से 12 अप्रैल 2022 तक राहु के बारहवें स्थान में गोचर करने से व्यर्थ के कार्यो पर धन खर्च होगा, शारीरिक कमजोरी, जॉब-बिजनेस में दिक्कत, घर-परिवार से दूरी रहेगी। इसके साथ ही केतु छठे भाव में रहने से शत्रु बढ़ेंगे, पैसों की तंगी महसूस होगी, नेत्र रोग आ सकते हैं। वर्ष पूर्व से 5 अप्रैल तक तथा 14 सितंबर से 20 नवंबर तक नीच राशि के बृहस्पति का अष्टम स्थान में गोचर ठीक नहीं है। शारीरिक रोग, आर्थिक संकट, कार्य-व्यवसाय में बाधा, पारिवारिक क्लेश, पति-पत्नी में अनबन, यात्राओं में कष्ट आएगा। अगर कुंडली में गुरु बलवान होगा तो अशुभ फलों में कमी आएगी।
शारीरिक-मानसिक पीड़ा रहेगी
5 अप्रैल से 14 सितंबर तथा 20 नवंबर 13 अप्रैल 2022 तक गुरु नवम स्थान में करना श्रेष्ठप्रद रहेगा। भाग्यवृद्धि होगी, धनलाभ होगा, संतान प्राप्ति, भाई-बंधुओं से लाभ होगा। 22 फरवरी 2021 तक मंगल दशम-एकादश स्थान में रहने से अचल संपत्ति प्राप्त होने के योग बनेंगे। द्रव्यलाभ, महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण होंगे, रोग मुक्ति, संतान सुख, पारिवारिक सुख, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि, बिजनेस में लाभ, संकटों से मुक्ति रहेगी। 22 फरवरी से 14 अप्रैल तक मंगल के द्वादश में रहने से दांपत्य जीवन में परेशानी, शारीरिक-मानसिक पीड़ा रहेगी।
संतान को कष्ट, शत्रु से पीड़ा रहेगी 14 अप्रैल से 20 जुलाई तक मंगल प्रथम व द्वितीय स्थान में रहने से कार्यो में बाधा, पारिवारिक विवाद, आर्थिक हानि, रक्त संबंधी रोग की आशंका रहेगी। 20 जुलाई से 5 सितंबर तक मंगल के तृतीय स्थान में रहने से पद-प्रतिष्ठा, कारोबार में वृद्धि, संकटों से मुक्ति, धनलाभ, शत्रु पर विजय होगी। 5 सितंबर से 21 अक्टूबर तक मंगल चतुर्थ भाव में रहने से माता को कष्ट, अचल संपत्ति को लेकर विवाद, कारोबार में अड़चनें आएंगी। 21 अक्टूबर से 4 दिसंबर तक मंगल के पंचम भाव में रहने से संतान को कष्ट, शत्रु से पीड़ा रहेगी।
वर्ष का उपाय
वर्ष 2021 को सुखपूर्वक व्यतीत करने के लिए शनि और गुरु दोनों की शांति करवाना आवश्यक है। शनिवार को शनि से संबंधित वस्तुओं का दान और गुरुवार को गुरु से संबंधित केले, चने की दाल आदि वस्तुओं का दान लाभ देगा।