मीन राशि : सुखों में कमी आएगी
राशि अक्षर : दी, दू, थ, झ, दे, दो, चा, ची
मीन राशि के लिए वर्ष 2021 में स्वराशिगत शनि का गोचर एकादश स्थान में होना श्रेष्ठफलदायक है। अचल संपत्ति की प्राप्ति, भाग्यवृद्धि, धनलाभ, दांपत्य सुख, नौकरी-व्यवसाय में सफलता, इच्छित कार्यो में सिद्धि, मशीनरी, लोहा, पत्थर से जुड़े कार्यो में लाभ, नौकर-चाकर रहेंगे। यदि जन्मकालीन शनि कमजोर होगा तो उपर्युक्त सुखों में कमी आएगी।
घर में मांगलिक कार्य होंगे
5 अप्रैल 2021 तथा आगे 14 सितंबर से 20 नवंबर तक गुरु नीच राशि में गोचर करने से विद्या में सफलता, संतान सुख, द्रव्यप्राप्ति, नौकरी-व्यवसाय में सफलता, धर्म-कर्म के कार्यो में रुचि, शत्रु नाश, रूके कार्य पूरे होंगे, घर में मांगलिक कार्य होंगे। 12 अप्रैल तक राहु तृतीय और केतु नवम स्थान में गोचर करना शुभफलदायी है। पद-प्रतिष्ठा, साहस, बल में वृद्धि, अचानक धनलाभ, भाग्योदय, नौकरी व्यवसाय में उन्नति, भाई-बहनों को तरक्की, मित्रों से सहयोग, शत्रुओं पर विजय रहेगी।
पारिवारिक सुख में कमी
5 अप्रैल से 14 सितंबर तथा 20 नवंबर से 13 अप्रैल 2022 तक गुरु बारहवें स्थान में गोचर करने से दांपत्य जीवन में परेशानी, अपव्यय, राजभय, आर्थिक संकट, मानसिक पीड़ा, व्यावसायिक क्षेत्रों में बाधा, मित्रों से मतभेद रहेंगे। 22 फरवरी तक स्वराशिस्थ मंगल द्वितीय स्थान में रहने से शुभाशुभ फल मिलेंगे। विद्या में सफलता, नेत्ररोग, आय में बढ़ोतरी, वाणी में कटुता, पारिवारिक सुख में कमी, विवाद, व्यवसाय में बाधा आएगी। 22 फरवरी से 14 अप्रैल तक मंगल तृतीय स्थान में रहने से साहस में वृद्धि, भाग्योदय, भाई से सुख, तात्कालिक संकटों से मुक्ति, पद-प्रतिष्ठा, व्यापार-व्यवसाय में वृद्धि, धनलाभ होगा। 14 अप्रैल से 20 जुलाई तक मंगल चतुर्थ-पंचम में रहने से पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद, माता को कष्ट, नौकरी कार्य में विघ्न, पारिवारिक जीवन में परेशानी, स्वास्थ्य में गिरावट रहेगी।
आर्थिक
20 जुलाई से 5 सितंबर तक मंगल के छठे भाव में रहने से शत्रुनाश, महत्वपूर्ण कार्यो में सफलता। 5 सितंबर से 4 दिसंबर तक मंगल सप्तम व अष्टम स्थान में गोचर करेगा, यह शुभ नहीं रहेगा। दांपत्य सुख में कमी, धन हानि, पार्टनरशिप में विवाद, आर्थिक संकट रहेगा।
वर्ष का उपाय
बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें। बृहस्पति के निमित्त पीले फल, मिठाई का दान करें।