वृश्चिक राशि : वृद्धिकारक रहेगा वर्ष
राशि अक्षर : तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यो, यू
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए पूरे वर्ष शनि स्वगृही होकर तीसरे स्थान में गोचर करेगा जो सफलतादायी और श्रेष्ठकारी है। आयु और आरोग्यता में वृद्धि, कार्यो को कुशलतापूर्वक करने की क्षमता बढ़ेगी, नौकरी और कारोबार में लाभ, शत्रु पराजित होंगे, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। 5 अप्रैल तक तथा 14 सितंबर से 20 नवंबर तक गुरु भी नीचराशि में तृतीय स्थान में रहने से कार्य व्यवसाय में परिश्रम से लाभ, पारिवारिक क्लेश, संतान सुख में कमी, अनचाहे स्थान परिवर्तन होंगे। 5 अप्रैल से 14 सितंबर तथा 20 नवंबर से 13 अप्रैल 2022 तक गुरु चतुर्थ स्थान में भ्रमण करने से माता पर संकट आएगा, अचल संपत्ति को लेकर विवाद, नौकरी कारोबार में विघ्न, मानसिक परेशानी रहेगी।
महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होंगे
पूरे वर्ष राहु सप्तम तथा केतु प्रथम स्थान में रहने से दांपत्य सुख में बाधा, गलत कार्यो में संलग्नता हो सकती है, भागीदारी में हानि, स्थान परिवर्तन के योग, व्यापार में पीड़ा, संतान का भाग्योदय होने जैसी स्थितियां बनेंगी। 22 फरवरी तक स्वराशि के मंगल का छठे स्थान में रहना स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा रहेगा, शत्रु परास्त होंगे, कोर्ट कचहरी के कार्यो में सफलता, महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होंगे।
नौकरी में तरक्की मिलेगी
22 फरवरी से 2 जून तक मंगल सप्तम-अष्टम स्थान में गोचर करेगा, इसके फलस्वरूप दांपत्य जीवन में परेशानी, शारीरिक मानसिक परेशानी आएगी, अग्नि से भय रहेगा। 2 जून से 20 जुलाई तक मंगल भाग्य स्थान में रहने से कष्टप्रद रहेगा। भाग्य में रूकावट, कार्य अचानक रूक जाएंगे, नौकरी धंधे में बाधाएं आएंगी। 20 जुलाई से 21 अक्टूबर तक मंगल दशम-एकादश में रहने से शुभफल प्राप्त होंगे। नया कार्य व्यवसाय प्रारंभ करेंगे, नौकरी में तरक्की, धनलाभ, संपत्ति से सुख, भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी।
व्यर्थ का व्यय होगा
21 अक्टूबर से 4 दिसंबर तक मंगल द्वादश स्थान में भ्रमण करने से स्वास्थ्य बिगड़ेगा, भाईयों से मतभेद होगा, व्यर्थ का व्यय होगा, रक्तविकार, शत्रु कष्ट देंगे।
वर्ष का उपाय
राहु और गुरु की शांति कराएं। राहु के लिए नियमित रूप से श्वानों को रोटी खिलाएं। काली गाय का घास खिलाएं। पीले अनाज का दान करें। गुरुवार के व्रत रखें।