अत्रप्राशन मुहूर्त

कन्‍याओं का पंचममास से आरम्‍भ कर विषम मास में अत्रप्राशन होता है। बालकों का षष्‍ठ मास से आरम्‍भ कर सममास में अत्रप्रशान होता है। खरमास, पितृपक्ष एवं अन्‍य घातक दोषों को छोड़कर सभी मासों में इसे किया जाता है। नियतकालिक संस्‍कार होने के कारण इसमें शुक्रास्‍त आदि दोष नहीं देखा जाता है। आश्विनीरोहिणीमृगशीर्षपुनर्वसुपुष्‍यतीनों उतराहस्‍तचित्रास्‍वातीअनुराधाश्रवणधनिष्‍ठाशतभिषारेवती प्रभृति १६ नक्षत्रों में अत्रप्राशन होता है। २, ३, ५, ७, १०, १३, १५ तिथियों में तथा सोम, बुध, बृहस्‍पति, शुक्र वारों में अत्रप्राशन किया जाता है।

एस्ट्रोगृह की सेवाएं – अगर आप शुद्ध एवं अच्छा मुहूर्त चाहते हैं, तो आप हमारी सेवाएं ले सकते हैं। आप अपनी जानकारी हमें भेजें।

अपने नाम से मुहूर्त निकलवाने के लिए एस्ट्रो गृह के पंडित जी से संपर्क कर सकते है

[email protected]

दक्षिणा – 501.00 अभी खरीदें