भवन का नक्शा बनवाए

वास्तुशास्त्र एक ऐसा भारतीय शास्त्र है जो प्राचीन काल से भारत में अपनी जड़ें जमाये हुए है। वास्तुशास्त्र एक ऐसी विधा है जो दिशाओं के स्वभाव के अनुसार घर का नक्शा बनाने का सुझाव देती है ताकि आपके घर का हर एक कोना दिशाओं के अनुकूल बनें जिससे हर कोने में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। लेकिन जब वास्तु के अनुसार घर नहीं बनवाया जाता है तो घर का जो क्षेत्र दिशा के अनुकूल नहीं होता है वहां नकारात्मकता बढ़ती जाती है जो परिवार और घर की सुख-समृद्धि में अड़चन पैदा करने लगती है। ऐसे में बेहतर तो यही होगा कि घर बनाते समय ही वास्तु का ध्यान रखा जाएँ और हर कोना दिशा को ध्यान में रखकर तय किया जाए। ऐसे में आज बात करते हैं वास्तु के अनुसार घर का नक्शा बनाने की-

वास्तु में 9 दिशाएं होती है यानी 8 दिशाओं के अलावा मध्य दिशा। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर या ऑफिस के बिलकुल मध्य का ये स्थान सम्बंधित व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है इसलिए इस केंद्र यानी मध्य स्थान को विशेष महत्व दिया जाता है।

घर की दक्षिण दिशा का सम्बन्ध कैरियर से होता है और दक्षिण-पश्चिम दिशा व्यक्ति की कुशलता, बुद्धिमत्ता और ज्ञान से सम्बंधित होती है। पश्चिम दिशा का सम्बन्ध व्यक्ति के पारिवारिक संबंधों से होता है।

उत्तर दिशा का सम्बन्ध सामाजिक सम्मान से होता है और उत्तर-पश्चिम दिशा धन और समृद्धि से जुड़ी होती है जबकि उत्तर-पूर्व दिशा प्यार और पति-पत्नी के संबंधों को प्रभावित करती है।

घर की पूर्व दिशा बच्चों से सम्बंधित होती है। उनके विकास, सोच और स्वास्थ्य को ये दिशा प्रभावित करती है जबकि दक्षिण-पूर्व दिशा उन करीबी लोगों से जुड़ी होती है जो हर परिस्थिति में आपकी सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं।

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