Description
ये रत्न धारण करने वाला व्यक्ति चढ़ता है तरक्की की नई-नई सीढ़ियां
नीलम एक चमत्कारी रत्न है, इसे धारण करने से मन में, तीव्रता आती है, व्यवहार बदलाव करता है। माना जाता है कि नीलम धारण करने से व्यक्ति तरक्की की नई-नई सीढ़ियां चढ़ता चला जाता है। दूसरी ओर यह भी सत्य है कि जिन लोगों को नीलम रास नहीं आता, उनके जीवन तक को खतरा बना रहता है। नीलम के बारे कहा जाता है कि यह रंक से राजा और राजा को रंक तक बना देता है। नीलम धारण करते समय काफी सावधानी बरतनी चाहिए।
इन बातों का रखें खयाल
-मेष, वृष, तुला एवं वृश्चिक लग्न वालों को नीलम धारन करना फायदेमंद है, यह भाग्योदय करता है।
-यदि जन्मकुंडली में शनि चौथे, पांचवें, दसवें या ग्यारहवें भाव में हो, तो नीलम अवश्य धारण करना चाहिए।
-अगर शनि षष्ठेश या अष्टमेश के साथ बैठा हो तो नीलम धारण करना श्रेष्ठत्तम होता है।
-यदि शनि अपने भाव से छठे या आठवें स्थान पर स्थित हो तो नीलम अवश्य पहनें।
-शनि मकर तथा कुंभ राशि का स्वामी है। यदि एक राशि श्रेष्ठ भाव में और दूसरी अशुभ भाव में हो तो नीलम न पहनें। इसके इतर अगर शनि की दोनों राशियां श्रेष्ठ भावों का प्रतिनिधित्व करती हों, तो नीलम धारण करना श्रेष्ठ होता है।
-अगर किसी भी ग्रह की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही हो तो नीलम अवश्य ही पहनना चाहिए।
शनि गृह का शुभत्व प्राप्त करने के लिए इसे धारण किया जाता है |
-यदि शनि सूर्य के साथ हो , सूर्य की राशि में हो या सूर्य से दृष्ट हो तो भी नीलम पहनना लाभदायक है।
-यदि जन्मकुंडली में शनि वक्री,अस्तगत या दुर्बल हो और शुभ भावों का प्रतिनिधित्व कर रहा हो तो नीलम धारण करना श्रेष्ठकर माना गया है।
-जो शनि ग्रह प्रधान व्यक्ति हैं, उन्हें अवश्य ही नीलम पहनना चाहिए।
-क्रूर कर्म करने वालों के लिए नीलम हर समय उपयोगी माना जाता है।
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