संतान प्राप्ति के लिए पूजा

हर विवाहित स्त्री चाहती हैं कि उसका भी कोई अपना हो जो उसे मां कहकर पुकारे। सामान्यत: अधिकांश महिलाएं भाग्यशाली होती हैं जिन्हें यह सुख प्राप्त हो जाता है। फिर भी काफी महिलाएं ऐसी हैं जो मां बनने के सुख से वंचित हैं। यदि पति-पत्नी दोनों ही स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम हैं फिर भी उनके यहां संतान उत्पन्न नहीं हो रही है।ऐसे में संभव है कि ज्योतिष संबंधी कोई अशुभ फल देने वाला ग्रह उन्हें इस सुख से वंचित रखे हुए है। यदि पति स्वास्थ्य और ज्योतिष के दोषों से दूर है तो स्त्री की कुंडली में संतान संबंधी कोई रुकावट हो सकती है।

ज्योतिष के अनुसार संतान उत्पत्ति में रुकावट पैदा करने वाले योग-

– जब पंचम भाव में का स्वामी सप्तम में तथा सप्तमेश सभी क्रूर ग्रह से युक्त हो तो वह स्त्री मां नहीं बन पाती।
– पंचम भाव यदि बुध से पीडि़त हो या स्त्री का सप्तम भाव में शत्रु राशि या नीच का बुध हो तो स्त्री संतान उत्पन्न नहीं कर पाती।
– पंचम भाव में राहु हो और उस पर शनि की दृष्टि हो तो, सप्तम भाव पर मंगल और केतु की नजर हो, तथा शुक्र अष्टमेश हो तो संतान पैदा करने में समस्या उत्पन्न होती हैं।
– सप्तम भाव में सूर्य नीच का हो अथवा शनि नीच का हो तो संतानोत्पत्ती में समस्या आती हैं।

संतान प्राप्ति हेतु क्या करें ज्योतिषीय उपाय-

यदि किसी युवती की कुंडली यह ग्रह योग हैं तो इन बुरे ग्रह योग से बचने के लिए उन्हें यह उपाय करने चाहिए:

पहला उपाय:  संतान गोपाल मन्त्र जप

संतान गोपाल मंत्र के सवा लाख जप शुभ मुहूर्त में शुरू करें। साथ ही बालमुकुंद (लड्डूगोपाल जी) भगवान की पूजन करें। उनको माखन-मिश्री का भोग लगाएं। गणपति का स्मरण करके शुद्ध घी का दीपक प्रज्जवलित करके निम्न मंत्र का जप करें। मंत्र- ऊं क्लीं देवकी सूत गोविंदो वासुदेव जगतपते देहि मे, तनयं कृष्ण त्वामहम् शरणंगता: क्लीं ऊं।। यह उपाय स्वयं करना ज्यादा लाभकारी है |

एस्ट्रोगृह की सेवाआप ऑनलाइन पूजा  करा सकते है |पूजन वैदिक रीति से किया जायेगा |पूजन उपरांत प्रसाद कूरियर द्वारा भेजा जाता है | आप को पूजन का विडियो एवं तस्वीर भी भेजी जाएगी | आप पति पत्नी दोनों की कुंडली हमें  [email protected]  पर भेजे  |  हमारे आचार्यो को संकल्प देकर भी यह जप कराया जा सकता है |

दक्षिणा – 51000.00

दूसरा उपाय :

हरिवंश पुराण श्रवण –

एस्ट्रोगृह की सेवाआपइस पुराण का श्रवण अपने घर में करे इसका अनुष्ठान हमारे यहाँ के योग्य पंडितो द्वारा कराया जाता है जो पूर्णतः फलदायी है  |पूजन वैदिक रीति से किया जाता है | 7 से 9 दिन में परायण पूर्ण होता है | आप पति पत्नी दोनों की कुंडली हमें  [email protected]  पर भेजे  |  हमारे आचार्यो द्वारा आप के निवास स्थान पर आकर यह अनुष्ठान कराया जायेगा |यदि आप हमारे यहाँ यह अनुष्ठान करना चाहते है तो अनुष्ठान अवधी में आपको हमारे पास ही रहना होगा |

दक्षिणा –

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