तीर्थ स्थान पूजा

            तीर्थ स्थान का हिन्दू संस्कृति और हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इसलिए हिन्दू धर्म से संबंधित हर जन जाति के मनुष्य की दिली इच्छा रहती है कि वह अपने जीवन में भारत के सभी तीर्थो के दर्शन करके अपने जीवन को सफल करे। जिसके लिए मनुष्य अपना घर बार बच्चे छोडकर यात्रा पर निकल जाता है, कभी कभी तो वह अपने जीवन भर की सारी सम्पत्ति को भी एक बार में न्यौछावर करने के लिए तैयार हो जाता है। सवाल यह उठता है कि तीर्थो में ऐसा क्या है। जिसके लिए मनुष्य यह त्याग और बलिदान देने के लिए तैयार हो जाता है। और इस त्याग और बलिदान की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है।

तीर्थ का अर्थ

तीर्थ” शब्द का आधुनिक तरीके से अर्थ निकाला जाए तो ती शब्द से तीन और र्थ” शब्द से अर्थ निकलता है। इस तरह से इसका अर्थ बनता है तीन अर्थो की सिद्धि” यानि जिससे तीन पदार्थो की प्राप्ति हो उसे तीर्थ कहते है।

आईए इसे मानव के जीवन से जोडकर देखते है। संसार में मानव के जीवन के चार प्रमुख लक्ष्य माने जाते है। जिसको पूर्ण करने हेतु मनुष्य का पृथ्वी पर जन्म हुआ है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।

हमारे भारत देश में 51 शक्ति पीठ, द्वादस ज्योतिर्लिंग सहित सम्पूर्ण देश में मंदिर, तीर्थ स्थल स्थापित है| आप की जिस तीर्थ स्थल पर जो भी पूजा करना चाहते हो आपको हम सुविधा प्रदान करते है |

एस्ट्रोगृह की सेवाआप ऑनलाइन पूजा  करा सकते है |पूजन वैदिक रीति से किया जायेगा |पूजन उपरांत प्रसाद कूरियर द्वारा भेजा जाता है | आप को पूजन का विडियो एवं तस्वीर भी भेजी जाएगी | आप जो भी पूजा करना चाहे आप हमें astrograh.com@gmail.com लिखे |

दक्षिणा – पूजन अनुसार

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